संयुक्त शिक्षक संघर्ष मोर्चा के तत्वावधान में बिहार प्रखंड निकाय सिकंदरा के बैनर तले शनिवार को प्रखंड कार्यालय के समक्ष शिक्षकों द्वारा एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया। इस दौरान शिक्षकों ने जातीय जनगणना के द्वितीय चरण के कार्यो का विरोध कर बहिष्कार किया।धरना प्रदर्शन का नेतृत्व शिक्षक विपिन कुमार कर रहे थे।धरना प्रदर्शन की शुरुआत शिक्षकों ने जुलूस निकालकर की।बीआरसी से निकली शिक्षकों का जुलूस शिक्षक एकता जिंदाबाद,हमारी मांगे पूरी करों,राज्य कर्मी का दर्जा दो आदि सरकार विरोधी नारे लगाते हुए प्रखंड कार्यालय पहुंचे जहां जुलूस धरना प्रदर्शन में तब्दील हो गया।धरना प्रदर्शन में सरकार की नीतियों के खिलाफ चर्चा करते हुए कहा शिक्षक नेता संजीत कुमार ने कहा कि प्रदेश में कार्यरत नियोजित शिक्षकों को सरकार हमेशा गुमराह कर रही है। कहा कि राज्य सरकार एवं सत्तारूढ़ दलों द्वारा विगत कई महीनों से नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा देने व राज्य की सभी 9222 नियोजन इकाइयों को समाप्त कर उन्हें जिला संवर्ग में सामंजित करने का आश्वासन दिया जा रहा था। लेकिन 10 अप्रैल को राज्य सरकार ने बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक नियुक्ति, स्थानांतरण,अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवाशर्त नियमावली 2023 की अधिसूचना जारी करते हुए स्पष्ट कर दिया कि नियोजन इकाइयां पूर्ववत प्रभावित प्रभावी रहेगी और विद्यालय अध्यापक का नया संवर्ग बना दिया गया है। महासचिव राजेश कुमार एवं प्रखंड अध्यक्ष सुशील कुमार ने कहा कि राज्य सरकार की वादाखिलाफी एवं सत्तारूढ़ दलों द्वारा किए गए विश्वासघात को लेकर राज्य में कार्यरत सभी कोटि के नियोजित शिक्षकों, पुस्तकालयाध्यक्षो,शारीरिक शिक्षकों एवं स्वास्थ्य अनुदेशकों में व्यापक रोष और असंतोष व्याप्त हो गया है। कहा कि जब हमारी मांगे पूरी नहीं होगी,धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। शिक्षकों के दल ने बीडीओ की अनुपस्थिति में मांगों से संबंधित ज्ञापन प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी को सौंपी है। इस अवसर पर प्रखंड सचिव सुजीत कुमार, उपाध्यक्ष बबलू कुमार,रजनीश कुमार, अनुपमा कुमारी,नीरज कुमार,शाहिद अंसारी, विवेकानंद सिंह,अमित कुमार सिंह,शर्मिला कुमारी गीता कुमारी,सुनीता कुमारी,पूजा कुमारी,नीता कुमारी समेत दर्जनों शिक्षक शिक्षिका उपस्थित थे।