सोनो (Jamui), प्रकृति के सबसे बड़े उपहार के रूप में मौजूद हरे- भरे वृक्षों के महत्व को साकार करने के सपने के साथ एसएसबी चरकापत्थर ने नक्सल क्षेत्र में वृक्षारोपण अभियान चलाया। वर्तमान समय के बदलते परिदृश्य में मानवीय जरूरतों के अनुरूप जिस प्रकार वृक्षों की अंधाधुंध कटाई की जा रही है, जिससे ना सिर्फ प्राकृतिक पर्यावरण विनाश की ओर अग्रसर है। बल्कि मानवीय जीवन के अस्तित्व पर भी संकट के बादल मंडरा रहे। चरकापत्थर अंतर्गत नक्सल प्रभावित क्षेत्र में वर्षों से सामाजिक सेवा के लिए कार्यरत सशस्त्र सीमा बल की 16 वी बटालियन द्वारा सामाजिक हित में समय-समय पर कई ऐसे कार्य किए जाते रहे जो आसपास रहने वाले ग्रामीण ही नहीं बल्कि समाज के लिए भी प्रेरणा स्रोत बन रहे।
एसएसबी 16वीं कमांडेंट मनीष कुमार के दिशा निर्देश पर चलते हुए सहायक कमांडेंट आशीष वैष्णव और उनकी टीम ने क्षेत्र के कोनिया गांव पहुंच वृक्षारोपण कर ग्रामीणों के बीच जहां जागरूकता का संदेश दिया। वहीं दर्जनों की संख्या में उपस्थित युवा, बुजुर्ग और बुद्धिजीवियों को वृक्ष लगाने के लिए प्रेरित किया। आशीष वैष्णव ने बताया कि वृक्षों को लगाना जितना मानवीय जीवन के लिए जरूरी है, उतना ही उसकी उचित देखभाल और पालन-पोषण भी हम सभी के लिए नितांत आवश्यक है। जिस प्रकार हम अपने घरों में छोटे बच्चे का पालन पोषण कर उसके युवा होने में अपनी पूरी सामर्थ्य क्षमता का योगदान देते है, उसी प्रकार वृक्षों की उचित देखभाल करते हुए उसके विकसित होने में भी अपनी उर्जा का भरपूर उपयोग करना होगा, तभी हमारे आसपास प्रकृति की अनमोल धरोहर अपने पुराने अतीत की और लौट पाएगी। वृक्षारोपण कार्यक्रम में दर्जनों की संख्या में युवा, ग्रामीण, बुजुर्ग, बुद्धिजीवी और एसएसबी के जवान मौजूद थे।
योगेंद्र प्रसाद उर्फ कुंदन की रिपोर्ट