Jamui , बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी हर घर नल जल योजना का उद्देश्य प्रत्येक घर तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाना है। लेकिन ज़मीनी हकीकत इसके दावों के विपरीत नजर आ रही है। बरहट प्रखंड के नौ पंचायतों की स्थिति को देखें तो यहां 7 पंचायतों के किसी भी मुखिया के घर इस योजना के तहत जलापूर्ति नहीं हो रही है। पंचायतों की यह स्थिति सरकार की हर घर नल जल योजना की पोल खोलती नजर आ रही है।
सबसे अधिक चिंता की बात यह है कि इनमें एक दलित मुखिया भी हैं। जिनके घरों तक अब तक पाइपलाइन नहीं पहुंची है। योजना के तहत करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद ज़मीनी हकीकत यह है कि कई गांवों में पाइपलाइन बिछाई तो गई। लेकिन जलापूर्ति नहीं हो रही।
मुखिया के घरों तक नहीं पहुंचा पानी
बरहट प्रखंड के नुमर पंचायत के मुखिया दामोदर पासवान की स्थिति सबसे अधिक दयनीय है। वे आज भी ₹30 प्रति बोतल मिनरल वॉटर खरीदने को मजबूर हैं। जबकि उनके वार्ड में नल जल योजना स्ट्रक्चर तो बनाया गया। लेकिन काम अभी आधा अधूरा पड़ा हुआ है। जबकि मुखिया सरकार के प्रशासनिक ढांचे का एक अहम हिस्सा हैं। यदि मुखिया के घर ही स्वच्छ जल नहीं पहुंच रहा है, तो आम जनता को इसका लाभ कैसे मिलेगा। यह बड़ा सवाल है।
वहीं पांडो पंचायत के मुखिया अमित कुमार निराला का भी यही हाल है,जो 3 वर्षों से अपने पंचायत की बागडोर संभाल रहे हैं। लेकिन उनके घर तक अब तक नल -जल योजना का पानी तो छोड़ए पाईपलाइन भी नहीं पहुंचा। इसके साथ ही डाढ़ा पंचायत के मुखिया सुनीता देवी हैं। वे आज भी नल जल योजना से लाभान्वित नहीं हो पाई है। जबकि बरहट प्रखंड के सबसे बुजुर्ग मुखिया है। वहीं कटौना ,बरियारपुर मलयपुर, लखैय पंचायत के मुखिया की घर कनेक्शन दे दी गई है, लेकिन उसमें पानी नहीं आती है। हालांकि बरहट और गुगुलडीह पंचायत के मुखिया के घर नल जल योजना से पानी मिलने की बात कही।
दलित मुखिया को प्राथमिकता क्यों नहीं?
विशेष रूप से दलित समुदाय के मुखियाओं के घर तक पानी न पहुंचने से यह सवाल उठता है कि क्या इस योजना के क्रियान्वयन में किसी प्रकार का भेदभाव हो रहा है। दामोदर पासवान जैसे मुखिया के घरों तक अगर पानी नहीं पहुंच रहा है। इसका मतलब है कि संबंधित विभागों में कुर्सी पर विराजमान कर्मचारियों की लापरवाही चरम पर है।
स्थानीय लोग भी परेशान
बरहट के ग्रामीण सिकंदर यादव, सुनील यादव, अरविंद कुमार आदि ने बताया कि नल जल योजना के तहत उनके गांवों में पाइप तो बिछा दिए गए हैं। लेकिन पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है। कई जगहों पर पाइपलाइन टूटी हुई है और नल सूखे पड़े हैं। जिसे दुरुस्त करने के लिए कई बार विभाग के पदाधिकारी लिखित शिकायत भी किया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस कारण लोग मजबूरी में या तो दूर से पानी लाकर उपयोग कर रहे हैं या फिर मिनरल वाटर खरीदने को मजबूर हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि भ्रष्टाचार और लापरवाही के कारण यह योजना पूरी तरह फेल होती दिख रही है।
प्रखंड विकास पदाधिकारी एसके पांडेय का कहना है कि पीएचईडी विभाग को निर्देश दिया गया है और जल्द ही जलापूर्ति शुरू कराई जाएगी।
क्या कहते हैं कार्यपालक अभियंता ?
इस संबंध में जिला कार्यपालक अभियंता प्रिंस कुमार से जब बातचीत की गई तो उन्होंने बताया की मुखिया के घर नल जल योजना से पानी अगर नहीं पहुंच रही है तो इसकी जानकारी मुझे नहीं है। प्रखंड के कर्मी को निर्देशित कर जल्द ही कनेक्शन दिया जाएगा तथा जलापूर्ति चालू कराई जाएगी।
बरहट से शशिलाल की रिपोर्ट
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