बरहट – परिवहन विभाग आए दिन अपने नए-नए कारनामो से सुर्खियों में बना रहता हैं। वहीं एक बार फिर परिवहन विभाग का अजीबो गरीब मामला सामने आया है। बीते पांच माह से बरहट थाना में जप्त कार संख्या बीआर 10 ए एन 2317 पर परिवहन विभाग ने बिना लाईसेंस गाड़ी चलाने, पाल्यूशन एक्सपायर तथा आदेश की अवज्ञा करने के मामले में वाहन मालिक पर 17500 रुपए का जूर्माना लगा दिया।
ऑन लाइन जब इसका मैसेज वाहन मालिक के मोबाइल पर आया तो वाहन मालिक के परिजनों के कान खड़े हुए। इस मामले की जानकारी लेने वाहन मालिक के परिजन जब बरहट थाना पहुंचे तो उन्हें पता चला की आपका वाहन थाना में खड़ा है ।
अब बड़ा सवाल यह है कि जब वाहन बरहट थाना में जब्त था तो परिवहन विभाग ने कैसे उस पर जूर्माना लगाया। अब यदि परिवहन विभाग की बातों को सच मान लिया जाए तो सवाल यह है कि जब्त वाहन को बरहट थाना की पुलिस कैसे बिना कोर्ट इजाजत का उपयोग कर सकती है। उस पर भी वाहन जिस मामले में जब्त किया गया उसका रिलीज आर्डर अभी तक तक कोर्ट ने नहीं दिया है।
पीड़ित वाहन मालिक ने बताया कि कार जब्ती के समय वाहन का पेपर अप टू डेट था तथा जब वाहन पर फाईन किया गया उस वक्त मालिक का बेल भी नहीं हुआ था।
हत्या मामले में उपयोग किये जाने पर जप्त की गई थी कार
बरहट थाना क्षेत्र के पांडो गांव में बीते 20 फरवरी 2024 को प्रेम प्रसंग मामले में परिजनों से तकरार पर एक लड़की ने खुदकुशी कर ली थी। साक्ष्य छुपाने के लिए लड़की के पिता अशोक लाल उर्फ अशोक वर्णवाल ने अपने एक साथी पनपुरवा के ग्रामीण डाक्टर रीतेश कृष्णा के सहयोग से शव को रात में ही अपनी गाड़ी से मुंगेर ले जाकर गंगा में प्रवाहित कर दिया था। पुलिसिया तफ्तीश में साक्ष्य के आधार पर पुलिस ने लड़की के पिता एवं उसके सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया। इसके साथ ही मामले में प्रयोग किए जाने को लेकर दोनों का वाहन जब्त कर लिया गया, जो आज तक जब्त है।
निष्पक्षता पूर्वक इसकी जांच से खुल सकता है राज
परिवहन विभाग द्वारा 13 जून 2024 को वाहन पर जूर्माना लगाया गया। जबकि बरहट पुलिस द्वारा उक्त वाहन 23 फरवरी 2024 को जब्त कर थाना लाया गया था। अब यदि वाहन 13 जून को परिवहन विभाग के नियमों का उलंघन कर भाग रहा था तो बरहट थाना में लगे सीसीटीवी को खंगालने एवं कार में लगे जीपीएस से सच्चाई सामने आ सकती है। उसी तरह यदि जमुई की सड़कों पर बिना कागजात वाहन चल रहा था तो था तो आस पास लगे सीसीटीवी कैमरे से भी सच्चाई सामने आ सकती है।बहरहाल वाहन मालिक निष्पक्षता पूर्वक इसकी जांच की मांग कर रहे हैं।
कहते हैं थानाध्यक्ष
इस संबंध में बरहट थानाध्यक्ष कुमार संजीव बताते हैं कि गाड़ी थाना से निकला ही नहीं है। गाड़ी में जीपीएस लगा है। जबकि थाना में सीसीटीवी कैमरा है। उससे जांच किया जा सकता है।
क्या कहते हैं जिला परिवहन पदाधिकारी
इस संबंध में पूछे जाने पर जिला परिवहन पदाधिकारी इरफान आलम पहले तो मिलकर बात करने की बात कहते हैं। फिर बताते हैं कि हजारों गाड़ी का चालान कटता है। मशीन व डिवाइस में नंबर डालकर चेक कर ही कुछ बताया जा सकता है। उन्होंने मिलकर बात करने की बात कही।बरहट से शशिलाल की रिपोर्ट