Jamui– आंगनबाड़ी केंद्रों पर शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता व पोषण बढ़ाने के लिए समेकित बाल विकास परियोजना विभाग के ओर से विटामिन और आयरन की दवा उपलब्ध करा रहे हैं। किंतु विभागीय पदाधिकारी व कर्मियों की उदासीनता के कारण सरकार के इस प्रयास का लाभ बच्चों को नहीं मिल पा रहा है। मामला समेकित बाल विकास परियोजना प्रखंड कार्यालय बरहट से जुड़ा हुआ है। यहां स्थिति यह है की बच्चों की बेहतर स्वास्थ्य के लिए भेजी गई, सरकारी दवा बच्चों को निःशुल्क वितरण किए जाने के बजाय दवाई कचरे के ढेर में पड़ी है।
ताजुब की बात यह है की प्रखंड बाल विकास परियोजना कार्यालय के नीचे मुख्य द्वार पर बिखरा पड़ा है। जबकि दवाई का एक्सपायरी डेट बचा है।आंगनवाड़ी के बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य के लिए समेकित बाल विकास परियोजना विभाग की ओर से विभिन्न योजना चलाई जा रही है। इसके तहत समय-समय पर विभाग की टीम केंद्र पहुंचकर बच्चों के स्वास्थ्य का परीक्षण भी करती है।
कुछ माह पूर्व विभाग की ओर से बच्चों में पोषण क्षमता बढ़ाने के लिए की एक कंपनी निर्मित विटामिन का सिरफ़ भेजा गया। जिसे की प्रखंड अंतर्गत में संचालित सभी आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों को दवा उपलब्ध करवाने के सख्त निर्देश दिए गए थे। लेकिन विभाग की लापरवाह पदाधिकारी की वजह से कार्यालय के सीढ़ी के खाली स्थान परिसर में दवा कूड़े के ढेर में पड़ी हुई हैं। कुछ दवा बिखरी हुई है।जबकि 10 कार्टून दवा अंदर पैक हैं। वहीं जिस जगह पर दवाई बिखरा हुआ है ठीक उसी के सामने से नितदिन पदाधिकारी व कार्यालय के कर्मी आते जाते हैं, लेकिन इन दवाइयां के और शायद किसी का भी ध्यान नहीं जाता है।
लिहाजा जो भी हो लेकिन कार्यालय के मुख्य द्वार पर कूड़े कचरे की ढेर में बिखरी पड़ी दवाई जिम्मेदार पदाधिकारी के कार्य प्रणाली पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। इस संबंध में जिला प्रोग्राम पदाधिकारी रेखा कुमारी से जब बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी के बच्चों की पोषण विकास के लिए विभाग की ओर से भेजी गई विटामिन और आयरन की दवा अगर कूड़े कचरे की ढेर में पड़ा है तो यह काफी चिंताजनक है। मामले की जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
बरहट से शशिलाल की रिपोर्ट