नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने की वजह से जिला प्रशासन मेला को लेकर पूरी तरह अलर्ट
जमुई, समाहरणालय स्थित संवाद कक्ष में जमुई जिला अधिकारी अवनीश कुमार सिंह और पुलिस अधीक्षक शौर्य सुमन के द्वारा विश्वविख्यात बाबा बैजनाथ धाम श्रावणी मेला की तैयारियों को लेकर पूरे जिले के अधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों के साथ बैठक किया। आगामी 14 जुलाई से विश्वविख्यात बाबा बैजनाथ धाम श्रावणी मेला की शुरुआत हो रही है। देवघर से सटे जिला होने की वजह से जमुई होकर कांवरियों का जत्था का आना-जाना जिले में लगा रहता है।
जिलाधिकारी ने पदाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि कांवरियों के विश्राम के लिए चयनित शिविर में सुविधाओं का अभाव ना हो। सभी शिविर में कांवरियों के सुविधा के लिए शौचालय,बिजली,पानी,साफ सफाई एवं मूलभूत सुविधा उपलब्ध हों, जिससे कांवरियों को किसी भी तरह की असुविधा ना हो। जिलाधिकारी ने जमुई के परिवहन पदाधिकारी को श्रावणी मेला के दौरान पूरे जिले में ट्रैफिक व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने का निर्देश दिया है।
बताते चलें कि जमुई जिला नक्सल प्रभावित क्षेत्र माना जाता है, जिला का ज्यादातर इलाका जंगलों से घिरा हुआ है। जिसके वजह से कांवरियों के साथ अपराध की घटना घटने की आशंका रहती है। कांवरियों की सुरक्षा को लेकर पुलिस अधीक्षक द्वारा जिले के सभी थाना प्रभारी को श्रावणी मेले के दौरान अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही सुरक्षा के दृष्टिकोण से बटिया घाटी एवं गंगटा जंगल में पर्याप्त मात्रा में सुरक्षाबलों की नियुक्ति करने का निर्देश दिया गया है। कोरोना की वजह से बाबा बैजनाथ धाम में 2 सालों के बाद इस साल श्रावणी मेला का आयोजन किया जा रहा है। इस बार मेले में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ जमा होने की आशंका है। जिसको लेकर जिला प्रशासन द्वारा जोर शोर से तैयारियों की शुरुआत कर दी गई है।
कुमार नेहरू की रिर्पोट