जमुई, सदर अस्पताल में एक डॉक्टर अपने बकाया मानदेय को लेकर सदर अस्पताल के डीपीएम और लेखा प्रबंधक के साथ उलझ पड़े। वाद विवाद इतना बढ़ गया की डॉक्टर ने जिला स्वास्थ्य समिति ऑफिस में पुलिस बुला ली। उसके बाद दोनों तरफ से आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। जानकारी अनुसार डॉ निलेश कुमार सिंह ने कोविड-19 के समय सदर अस्पताल में अपनी सेवा दी थी। जिस का मानदेय अभी तक नहीं मिला है। इसी बात को लेकर डॉ निलेश कुमार ने शुक्रवार को जिला चिकित्सा पदाधिकारी और स्वास्थ्य समिति ऑफिस के डीपीएम और लेखा प्रबंधक के बीच गहमागहमी हो गई।
गहमागहमी के बाद डीपीएम और स्वास्थ समिति ऑफिस के सभी कर्मी धरने पर बैठ गए। मामले में जमुई सदर अस्पताल के डीपीएम सुधांशु कुमार ने बताया कि डॉ नीलेश के द्वारा को कोविड-19 के तहत काम लिया गया था,जिस का मानदेय अभी तक नहीं दी गई है। राशि आते ही उन्हें दे दिया जाएगा। लेकिन डॉक्टर नीलेश कुछ भी सुनने को तैयार नहीं और सभी पदाधिकारियों के साथ गाली-गलौज और अभद्र व्यवहार किया। डीपीएम सुधांशु कुमार ने बताया कि डॉ निलेश ने अमर्यादित भाषा, जान से मारने की धमकी,सरकारी काम में बाधा पहुंचाया है। अपनी सुरक्षा की मांग को लेकर हम लोग आज धरने पर बैठ गए हैं।
वहीं इस मामले में डॉ निलेश कुमार सिंह का कहना है कि पिछले 1 साल से हमारा मानदेय बकाया है जब भी हम आते हैं तो इनके द्वारा कोई संतुष्ट जवाब नहीं दिया जाता है उल्टे हमारे साथ अभद्र व्यवहार कर धमकी दिया जाता है। इधर मामला बढ़ता देख डॉक्टर नीलेश ने जमुई थाना पुलिस को सूचना देकर घटना की जानकारी दी।
कुमार नेहरू की रिपोर्ट